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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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तुम्हारा यूं मिलना कोई इत्तेफाक ना था, इंतज़ार करते करते एक और शाम बीत जाएगी !! ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो…” मियाँ ये आशिक़ी इज़्ज़त बिगाड़ देती है…” मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते हैं…” “तन्हाई में किसी न किसी की याद होती है, इसीलिए तन्हाई https://youtu.be/Lug0ffByUck

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