जब कुछ नहीं रहा पास तो रख ली तन्हाई संभाल कर मैंने, मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं, पर आँखों से गिरे आँसू दर्द की आवाज़ कह जाते हैं। जिंदगी में इंसान उस वक्त बहुत टूट जाता है, दोहरी शक्सियत रखनें से इन्कार है हमें, इक समुंदर https://youtu.be/Lug0ffByUck