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The Fact About hanuman mantra That No One Is Suggesting

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जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥ अन्त काल रघुबर पुर जाई । नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा॥ तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥ सहस बदन तुह्मारो जस गावैं । ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय अंजनीगर्भ संभूत कपीन्द्र सचिवोत्तम । वायुपुत्र ! नमस्तुभ्यं पुष्पं सौवर्णकं प्रियम् https://vashikaran-mantra87542.blog2learn.com/83224286/hanuman-chalisa-an-overview

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